परमात्मा का भजन
ईश्वर की भक्ति करने वाले भक्त को परमात्मा की व्यवस्था से सन्तुष्ट रहना चाहिए। प्रभु सब कुछ जानते हैं वे जब चाहेंगे परिस्थिति में परिवर्तन कर देंगे। स्वयं अनुकूल परिस्थिति की कल्पना करते रहना समय को बर्बाद करना है। रिटायर होकर ईश्वर की भक्ति करने के इच्छुक अनेकों लोग कर्म करते हुए ईश्वर की भक्ति करने के लिए किसी आश्रम आदि में अपने आवास का निर्माण कर लेते हैं। उनका मानना होता है कि रिटायर होने के बाद वहां शांतिपूर्वक परमात्मा का भजन और ध्यान करेंगे किन्तु समय आने पर ऐसी परिस्थिति बन जाती है कि वे उस स्थान तक पहुंच ही नहीं पाते हैं और जो लोग पहुंच भी जाते हैं तो उनका मन ईश्वर की भक्ति में नहीं लग पाता है। इससे वे परेशान होकर जीवन भर इधर-उधर भटकते रहते हैं। ऐसे लोगों का जीवन दुविधा में समाप्त हो जाता है, भक्ति न करने का पछतावा होता है।
Hymn to God | Arya Samaj Raipur 9109372521 | Arya Samaj Vivah Mandap Raipur | Official Website of Arya Samaj Raipur | Arya Samaj Legal Marriage Service Raipur | Arya Samaj Marriage Registration Raipur | Arya Samaj Vivah Vidhi Raipur | Inter Caste Marriage Promotion for Prevent of Untouchability Raipur | Pandits for Marriage Raipur | Arya Samaj Intercaste Matrimony Raipur | Arya Samaj Marriage Procedure Raipur | Arya Samaj Vivah Poojan Vidhi Raipur | Inter Caste Marriage Promotion Raipur | Inter Caste Marriage Helpline Raipur | Marriage Service in Arya Samaj Mandir Raipur | Arya Samaj Intercaste Marriage Raipur | Arya Samaj Marriage Pandits Raipur | Arya Samaj Legal Wedding Raipur | Arya Samaj Vivah Pooja Raipur | Inter Caste Marriage helpline Conductor Raipur | Official Web Portal of Arya Samaj Raipur Chhattisgarh
महर्षि दयानन्द की मानवीय संवेदना महर्षि स्वामी दयानन्द अपने करुणापूर्ण चित्त से प्रेरित होकर गुरुदेव की आज्ञा लेकर देश का भ्रमण करने निकल पड़े। तथाकथित ब्राह्मणों का समाज में वर्चस्व था। सती प्रथा के नाम पर महिलाओं को जिन्दा जलाया जा रहा था। स्त्रियों को पढने का अधिकार नहीं था। बालविवाह, नारी-शिक्षा,...